मीँ अपनी बेटी को डाँट रही थी” देख बेटी सुधर जा वर्ना तेरी शादी किसी भिखारी से कर दूँगी.
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तभी बाहर से आवाज आई..” माँ जी , खड़े रहें कि जांएँ

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