*इलाहाबाद की सत्य घटना*
एक नौजवान ने एक बुजुर्ग से पूछा:
बाबा बताएं कि जब एक दिन दुनिया से जाना ही है तो फिर लोग पैसों के पीछे क्यों भागते हैं?
जब जमीन-जायदाद जेवर यहीं रह जाते हैं तो लोग इनको अपनी जिन्दगी क्यों बनाते हैं ??
जब रिश्ते निभाने की बारी आती है तो दोस्त ही दुश्मनी क्यों निभाते हैं ??
बुजुर्ग ने गौर से तीनों सवाल सुने फिर उसने
माचिस की डिब्बी से तीन
तीलियां निकाली...
दो तीलियां उसने फेंक दी...
और एक तीली को आधा तोड़कर..
ऊपर वाला भाग फेंक दिया।
अब नीचे वाले भाग को नुकीला बनाकर अपने दाँत को
कुरेदते हुए बोला :
हम का जानी बे...!!
😂😅😜😃😎
एक नौजवान ने एक बुजुर्ग से पूछा:
बाबा बताएं कि जब एक दिन दुनिया से जाना ही है तो फिर लोग पैसों के पीछे क्यों भागते हैं?
जब जमीन-जायदाद जेवर यहीं रह जाते हैं तो लोग इनको अपनी जिन्दगी क्यों बनाते हैं ??
जब रिश्ते निभाने की बारी आती है तो दोस्त ही दुश्मनी क्यों निभाते हैं ??
बुजुर्ग ने गौर से तीनों सवाल सुने फिर उसने
माचिस की डिब्बी से तीन
तीलियां निकाली...
दो तीलियां उसने फेंक दी...
और एक तीली को आधा तोड़कर..
ऊपर वाला भाग फेंक दिया।
अब नीचे वाले भाग को नुकीला बनाकर अपने दाँत को
कुरेदते हुए बोला :
हम का जानी बे...!!
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